Mayawati on Gwalior High Cour Row: ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति लगाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस मामले में मायावती ने निशाना साधा है। उन्होंने जातिवादियों पर हमला बोला है। अभय सिंह राठौर, लखनऊ: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति लगाने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस विवाद ने अब जातिगत रंग ले लिया है।

वकीलों के दो गुटों के बीच विवाद में अब भीम आर्मी भी खुलकर सामने आ गई है। वकीलों और भीम आर्मी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई है। फिलहाल दोनों पक्षों के वकील गुस्से में हैं, जिससे तनाव की स्थिति बन गई है। वहीं इस मामले में बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कड़ा हमला बोला है।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बेंच ग्वालियर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने को लेकर उठे विवाद पर बसपा सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने प्रतिमा लगाने में हो रही देरी और विरोध पर चिंता जताते हुए राज्य सरकार और न्यायपालिका से हस्तक्षेप की मांग की है। यह मुद्दा अब सिर्फ प्रतिमा लगाने का नहीं रह गया है, बल्कि सामाजिक सम्मान और न्याय का प्रतीक बन गया है।
बसपा प्रमुख ने की मांग
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि ग्वालियर खंडपीठ में अधिवक्ताओं की मांग और आर्थिक सहयोग से माननीय न्यायालय ने संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाने की अनुमति दी थी। न्यायालय के निर्देश पर ही स्थान का चयन किया गया। वहां मंच का निर्माण हुआ और प्रतिमा भी बनकर तैयार हो गई।
जातिवादी मानसिकता का आरोप
बसपा सुप्रीमो मायावती ने आरोप लगाया कि जातिवादी मानसिकता से ग्रसित कुछ अधिवक्ता अब प्रतिमा लगाने का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ टिप्पणियां की जा रही हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अब सदियों से उपेक्षित बहुजन समाज अपना सम्मान चाहता है और उसे उसका हक मिलना चाहिए। बसपा सुप्रीमो ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उच्च न्यायालय से अपील की है कि वे प्रतिमा स्थापना में आ रही सभी बाधाओं को तत्काल दूर करें तथा ग्वालियर खंडपीठ में बाबा साहब की प्रतिमा को सम्मानपूर्वक स्थापित करने की मांग की है।